एजेंसी, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Wed, 07 Apr 2021 04:52 AM IST
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डीआरडीओ के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, डेवलपमेंट कम प्रोडक्शन पार्टनर (डीसीपीपी) कार्यक्रम के तहत हमने निजी क्षेत्र को हमारे साथ मिसाइल सिस्टम विकसित करने और उनका उत्पादन करने की अनुमति दी है। निजी क्षेत्र की कंपनियों ने भागीदारी के लिए उत्साह दिखाया है और हमें वर्टिकल लॉन्च्ड शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम प्रोजेक्ट के लिए बोलियां प्राप्त हुई हैं।
यह प्रयास पीएम नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसके तहत निजी क्षेत्र उद्योग को जटिल सैन्य सिस्टम विकसित करने के लिए तैयार करना है। डीआरडीओ ने टाटा एंड बाब कल्याणी इंडस्ट्री समेत निजी कंपनियों को एटीएजीएस होवित्जर विकसित करने में मदद की है, जो आने वाले कई दशकों तक भारतीय सेना की मुख्य आर्टिलरी गन होगी।
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डीआरडीओ के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, डेवलपमेंट कम प्रोडक्शन पार्टनर (डीसीपीपी) कार्यक्रम के तहत हमने निजी क्षेत्र को हमारे साथ मिसाइल सिस्टम विकसित करने और उनका उत्पादन करने की अनुमति दी है। निजी क्षेत्र की कंपनियों ने भागीदारी के लिए उत्साह दिखाया है और हमें वर्टिकल लॉन्च्ड शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम प्रोजेक्ट के लिए बोलियां प्राप्त हुई हैं।
यह प्रयास पीएम नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसके तहत निजी क्षेत्र उद्योग को जटिल सैन्य सिस्टम विकसित करने के लिए तैयार करना है। डीआरडीओ ने टाटा एंड बाब कल्याणी इंडस्ट्री समेत निजी कंपनियों को एटीएजीएस होवित्जर विकसित करने में मदद की है, जो आने वाले कई दशकों तक भारतीय सेना की मुख्य आर्टिलरी गन होगी।
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